शिवम् कुमार झा – भिवंडी प्रतिनिधि
भिवंडी। भिवंडी नि.शहर महानगर पालिका परिसीमा अंर्तगत निरंतर अवैध इमारतों का निर्माण कार्य शुरू है। धोखादायक इमारतें तोड़ने व जमीन मालिक से गठजोड़ कर जमीन खाली करवाने के नाम जहां भारी भष्ट्राचार किया जा रहा है। वही मलबा व भंगार भी सस्ते दामों में बिक्री करने का गोरखधंधा प्रशासक राज में शुरू है। मुंबई मुंब्रा,कल्याण के झोलाछाप बिल्डर पालिका के प्रभारी वार्ड अधिकारियों से सांठगांठ कर सात सात मंजिले की अवैध इमारतें केवल चार से पांच महीने में बनाकर सस्ते दामों में फ्लैट बिक्री कर रफू चक्कर हो जाते है। ऐसे इमारतों के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने से इनके पीलर इमारत का वजन उठाने में असमर्थ है। जिनके कारण कुछ सालों में इमारत के पीलर में दरारे आ जाती है।
भिवंडी पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक पांच अंर्तगत चौधा निजामपुरा स्थित घर नंबर 86,87 की इमारत जर्जर हो गई थी। मकान मालिक सरजील पटेल ने प्रभाग समिति पांच के अधिकारियों से सांठगाठ कर पुरानी इमारत मरम्मत के नाम पर परमिशन लिया और मकान तोड़ कर उसी स्थान पर तल अधिक तीन मंजिला नई इमारत बना दी। आश्चर्य की बात है कि शिकायत के बाद पालिका के अतिक्रमण व धोखादायक का चार्ज संभाल रहे अतिरिक्त आयुक्त विठ्ठल डाके,शहर विकास विभाग के नियंत्रण अधिकारी सुदाम जाधव व सहायक आयुक्त अजय एडके ने इस इमारत के संबंध में किसी प्रकार की कार्रवाई नही की।। शिकायतकर्ता चर्चिन सुतार ने बताया की पालिका के कुछ भष्ट्र अधिकारी इस अवैध इमारत का संरक्षण कर रहे है। जिसके कारण इमारत के संबंध में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में प्रभाग समिति क्रमांक पांच के बीट निरीक्षक अरविन्द घुगरे ने फोन पर बताया कि इस इमारत के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है प्राथमिक कार्रवाई शुरू करने के लिए सहायक आयुक्त अजय ऐडके से चर्चा शुरू है और बहुत जल्द कार्रवाई की जायेगी। इसी प्रकार से शहर में लगभग 150 अवैध इमारतें निर्माणाधीन अवस्था में है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह जिले भिवंडी में इतने बड़े पैमाने पर निर्माणाधीन अवैध इमारतों के कारण दर वर्ष करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसका जवाबदार कौन है।